Bihar Politics News मिथिलांचल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। इस बीच राजद की नेता राबड़ी देवी की एक मांग से सियासी हलचल तेज हो गई है। उन्होंने अलग मिथिला राज्य की मांग की है जबकि भाजपा नेता मैथिली भाषा को संविधान में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जता रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल हों, मगर क्षेत्रीय स्तर पर वोटों को साधने की जुगत शुरू हो गई है। मिथिलांचल में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए राजद ने अब नया शिगूफा छोड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधानपरिषद के अंदर और बाहर दोनों जगह अलग मिथिला राज्य बनाने की इच्छा जाहिर की है।
दरअसल, संविधान दिवस पर केंद्र सरकार ने संविधान की प्रति का मैथिली भाषा में अनुवाद किया है, जिससे बिहार भाजपा के नेता गदगद हैं। बुधवार को विधानपरिषद में भाजपा नेता मिथिला की विशेष टोपी पाग पहनकर सदन पहुंचे।
सदन के अंदर मंत्री हरि सहनी के साथ घनश्याम ठाकुर, संजय मयूख समेत अन्य भाजपा सदस्यों ने संविधान का मैथिली भाषा में अनुवाद करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया।
मंत्री हरि सहनी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो मैथिली भाषा को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल किया गया अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान का अनुवाद मैथिली भाषा में कराकर इसे सम्मान दिया है।
राज्य सरकार ने मैथिली को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने की अनुशंसा भी की है। अभी भाजपा नेता यह सब कह ही रहे थे कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अचानक से खड़ी हो गईं।
मैथिली भाषा को सम्मान मिलने से हम भी खुश हैं- राबड़ी
उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा को सम्मान मिलने से हम भी खुश हैं मगर मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग करनी चाहिए। जब सदन के बाहर पत्रकारों ने राबड़ी देवी से पूछा कि आपने अलग मिथिलांचल की मांग की है, तो उन्होंने कहा कि हां, कहा है।
राबड़ी ने कहा कि मोदी जी ने मैथिली भाषा को सम्मान दिया, ठीक है मगर मिथिला को अलग राज्य बनाना चाहिए।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राबड़ी देवी के मिथिलांचल वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के और होते हैं, दिखाने के और। राबड़ी देवी का बयान सिर्फ दिखावे के लिए है।
जरूरी बात मालूम हो कि मिथिलांचल का इलाका एनडीए का गढ़ रहा है।
हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भी हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, उजियारपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत अधिसंख्य सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार विजयी रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राबड़ी देवी का मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग भविष्य की राजनीति का संकेत है। राजद इसी बहाने एनडीए के गढ़ में सेंधमारी का रास्ता बनाना चाह रहा है।