Train Accident : किसी ट्रेन हादसे में इस तरह इंजन-बोगी के बीच दबकर मौत के बाद मृतक की तस्वीर शेयर करना गलत है। उसके बाद अब घटना के लिए रेलवे की ओर से दोषी बताए गए शंटिंग कर्मी को धार्मिक आधार पर निशाने पर लिया जा रहा है। क्या हुआ था, क्या हो रहा?
- शादी के एक महीने पहले अमर की मौत, पिता की जगह अनुकंपा पर मिली थी रेलवे में नौकरी
- अमर की मौत में रेलवे ने साथी सुलेमान को माना दोषी तो धार्मिक आधार पर पोस्ट वायरल हुए
- सुलेमान ने कहा- ड्राइवर ने सिग्नल बगैर बैक किया, पायलट बोला- इशारा देखकर किया पीछे
- लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तक मौत की वीभत्स तस्वीर को शेयर करने से नहीं चूके
बिहार के बेगूसराय जिले में बरौनी जंक्शन पर 15204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियों को इंजन से अलग करने के दौरान हादसे में शंटिंग मैन अमर कुमार रावत की मौत का मामला गरमा गया है। साथी शंटिंग मैन सुलेमान को रेलवे ने सीसीटीवी साक्ष्यों और पूछताछ के आधार पर दोषी पाया तो सोशल मीडिया पर इसे धार्मिक रंग देने का प्रयास शुरू हो गया। शंटिंग मैन सुलेमान ने इस केस में अपनी लापरवाही से इनकार करते हुए इस हादसे के लिए ट्रेन के ड्राइवर पर दोष मढ़ा है। इधर, हादसे के बाद कथित तौर पर इंजन छोड़ भागे ड्राइवर के बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी सामने आई है।
हादसा : पहले मृतक की वीभत्स तस्वीर, अब आरोपी का नाम वायरल
बरौनी जंक्शन प्लेटफॉर्म संख्या छह पर शंटिंग के दौरान इंजन और बोगी के बीच दबने से रेलवे के शंटिंगमैन कर्मी अमर कुमार रावत का मौत की खबर में अब कई चीजें वायरल हो रही हैं। शनिवार को सोशल मीडिया पर उस वीभत्स तस्वीर को लोग शेयर करते रहे। कई मीडिया संस्थानों ने भी इंजन-बोगी के बीच दबे शंटिंग कर्मी की तस्वीर लगाई, जो वायरल हुई। ‘अमर उजाला’ ने उस वीभत्स तस्वीर को अपने पाठकों को नहीं दिखाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तक उस तस्वीर को शेयर करने से नहीं चूके। अब इस मामले में रेलवे की जांच रिपोर्ट आई है। ‘अमर उजाला’ ने शनिवार को ही पूरा घटनाक्रम सामने ला दिया था। अब जो रिपोर्ट आई है, वह भी उसी की तसदीक करती है। जांच रिपोर्ट में शंटिंग मैन अमर के साथी सुलेमान को दोषी माना गया है। इसका आधार सीसीटीवी फुटेज और इंजन ड्राइवर के साथ अमर सुलेमान के कॉम्युनिकेशन को लेकर हुई पूछताछ को आधार बनाया गया है। रेलवे ने भले समन्वय की गड़बड़ी से हादसा बताते हुए सुलेमान को दोषी बताया, लेकिन सोशल मीडिया पर धार्मिक कारण से उसके खिलाफ लोग पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
रिपोर्ट : अमर से सही कॉम्युनिकेशन बगैर सुलेमान ने ड्राइवर को संकेत दिया
जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि मोहम्मद सुलेमान ने ट्रेन ड्राइवर को गलत जानकारी दी, जिसके कारण लोको पायलट ने बैक किया और इंजन-बोगी के बीच दबकर अमर कुमार रावत की मौत हो गई है। जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि नौ नवंबर को प्लेटफॉर्म छह पर 15204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस सुबह 8:10 पर आई है। स्टेशन मास्टर ने सुलेमान एवं अमर कुमार को इंजन डिटैच करने की ड्यूटी दी। इंजन को डिटैच करने के दरम्यान सुलेमान ने सुबह करीब 8:27 पर इंजन को आगे और 8:29 पर पीछे कराया गया। इसी दौरान यह घटना हुई और फिर सुलेमान ही इंजन की ओर तत्काल दौड़ा। जांच रिपोर्ट में सीसीटीवी और कॉम्युनिकेशन को आधार बनाया गया। रिपोर्ट एक बात साफ कर रही है कि सुलेमान से अमर का कॉम्युनिकेशन सही नहीं था और इसी कारण सुलेमान ने ड्राइवर को गलत संकेत दिया, जिससे यह हादसा हुआ।
इनकार : आरोपी ने कहा- मेरे सिग्नल बगैर ही इंजन को बैक किया गया
मोहम्मद सुलेमान ने अपने फर्द बयान में कहा है कि मैं लखनऊ-बरौनी गाड़ी संख्या 15204 के पावर (इंजन) काटने हेतु मैं और अमर कुमार को ड्यूटी दी गई थी। अलग किए जाने के बाद इंजन तीन हाथ आगे खड़ा हुआ। इसके बाद अमर कुमार सीबीसी बंद करने के लिए इंजन तथा बोगी के बीच जा रहा था। इसी बीच लोको पायलट (इंजन ड्राइवर) ने बगैर मेरे हाथ सिग्लन दिए या सीटी सुने अचानक से ट्रेन इंजन को बैक किया। इसी से अमर कुमार बफर के बीच दब गया। मैं घटना के समय इंजन के पास अमर के सामने ही खड़ा था।
डिटैच करने वाले लोको पायलट ने कहा- शंटिंग मैन ने दिया था इशारा
ट्रेन लाने वाले लोको पायलट से इंजन डिटैच करने की जिम्मेदारी राकेश रोशन को मिली थी। राकेश डीजल मालगाड़ी के लोको पायलट हैं। राकेश ने पूर्व मध्य रेलवे के विद्युत इंजीनियर को अपनी ओर से बयान दिया है कि सुबह 8:10 बजे मुझे इंजन डिटैच करने की जिम्मेदारी मिली थी। शंटिंग मैन सुलेमेान के इशारे पर ही आगे बढ़ा, फिर पीछे आया। पीछे आने के तुरंत बाद किसी के दबने की सूचना देकर इंजन को आगे बढ़ाने कहा गया। लोको पायलट राकेश ने इंजन आगे करने की बजाय उतरकर भागने के संबंध में कोई बयान या जानकारी नहीं दी है।
शादी के एक महीने पहले मौत, यूनियन-परिजनों ने क्या लगाया आरोप
समस्तीपुर के दलसिंहसराय निवासी 35 वर्षीय अमर ने पिता के निधन के बाद साल 2021 में अनुकंपा पर रेलवे में नौकरी ज्वाइन की थी। अगले महीने, 11 दिसंबर को अमर की शादी होने वाली थी। शादी के कार्ड भी छप चुके थे। परिजन गांव में शादी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन मौत की खबर पहुंची। भाई ने भी रेलवे के अधिकारियों और ट्रेन के लोको पायलट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। परिजन और यूनियन के लोगों का आरोप है कि रेल इंजन और बोगी को अलग करने के लिए चार कर्मियों की जरूरत होती है, लेकिन यहां ड्राइवर और एक रेल कर्मी के सहारे यह काम कराया जा रहा है। इस आरोप और घटना को लेकर सोनपुर डीआरएम विवेक भूषण ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। आगे इस तरह का हादसा न हो, इसको लेकर गंभीरता बरती जाएगी।