छठ महापर्व के दौरान कई परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं। पूरे बिहार में 48 घंटे के दौरान छठ घाटों पर डूबने से 65 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कई बच्चे और किशोर भी शामिल हैं।
बिहार के विभिन्न जिलों में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के दौरान दो दिनों के भीतर डूबने से 65 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार और शुक्रवार को अलग-अलग जगहों पर इनकी जान गई। सबसे अधिक समस्तीपुर में 10, तो पटना में सात लोगों की मौत की खबर है। पटना जिले में पांच लोग लापता भी हैं। मृतकों में बेगूसराय के भी सात लोग शामिल हैं। इसके अलावा रोहतास जिले में एक ही परिवार के तीन समेत कुल 6 लोगों ने दम तोड़ दिया।
छपरा, भोजपुर और नालंदा में दो-दो लोगों की छठ के दौरान मौत हुई। वहीं, गया में तीन, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण जिले में एक-एक शख्स की जान गई। कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिलों में 24 लोगों की मौत हुई। इनमें खगड़िया के पांच, भागलपुर के चार, मधेपुरा और पूर्णिया के तीन-तीन, कटिहार, लखीसराय और मुंगेर के दो-दो जबकि सहरसा, बांका और अररिया का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। मरने वालों में कई बच्चे और किशोर में भी शामिल हैं।
सोन नदी में पांच बच्चे डूबे
भोजपुर के चौरी थाना क्षेत्र के अंधारी गांव में गुरुवार को नहाने गए भाई-बहन सहित पांच बच्चे सोन में डूब गए। भाई को बचाने में चार बहनें बारी-बारी से सोन में कूद पड़ीं। इनमें दो फुफेरी-ममेरी बहनों की मौत हो गई, जबकि भाई लापता है। उधर, मुजफ्फरपुर के पारू में भी गुरुवार को बाया नदी में नहाने के दौरान भाई को बचाने में बहन की डूबने से मौत हो गई। जबकि, पूर्वी चंपारण के केसरिया में गंडक नदी के सत्तर घाट पुल की रेलिंग से सेल्फी लेने में एक युवती गंडक नदी में गिर गई। उसका अब तक पता नहीं चल पाया है
छपरा में नाव पलटी
सारण के तरैया स्थित पचभिंडा गांव के कोइरी टोले में बने पोखरा छठघाट में शुक्रवार की सुबह साढ़े छह बजे लोहे से निर्मित नाव पलटने से दो युवकों की मौत हो गयी। तीन बच्चे समेत 13 लोगों को बचा लिया गया। नाव पर 15 लोग सवार थे।