पटना – बिहार के दो प्रमुख ग्रामीण बैंकों का एकीकरण होने की संभावना है। केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत मार्च 2025 से पहले इसकी घोषणा की जा सकती है। इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।
बिहार के ग्रामीण बैंकों का एकीकरण
बिहार में वर्तमान में दो ग्रामीण बैंक हैं – उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक। इन बैंकों के एकीकरण के बाद राज्य स्तर पर एक ही ग्रामीण बैंक कार्य करेगा। राज्य के 39,073 गांवों के लोग इन बैंकों से जुड़े हैं। इसके पहले, 1 जनवरी 2019 को मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और बिहार ग्रामीण बैंक का विलय कर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक बनाया गया था, जो अब भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक है और इसका मुख्यालय पटना में स्थित है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का प्रधान कार्यालय मुजफ्फरपुर में है।
ग्रामीण बैंक के कार्य क्षेत्र का विस्तार
इन दोनों बैंकों के एकीकरण से ग्रामीण बैंक का कार्य क्षेत्र पूरे बिहार में फैल जाएगा। इस विलय से बैंक की कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। योजनाओं का लाभ पंचायत स्तर तक सीधे पहुंचेगा और पूंजी की अधिकता से रोजगार के लिए ऋण प्राप्त करने में भी आसानी होगी।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के घाटे की स्थिति
रिपोर्ट्स के अनुसार, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक वर्तमान में 918 करोड़ रुपये के घाटे में है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1,027 शाखाएं हैं जबकि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की 1,078 शाखाएं हैं। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक मुनाफे में है, जबकि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक घाटे में चल रहा है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में खाताधारकों की संख्या 2.5 करोड़ है, जबकि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में यह संख्या 3 करोड़ है।
संभावित नाम और मुख्यालय
इन दोनों बैंकों के विलय के बाद नया नाम और मुख्यालय कहां होगा, अभी यह तय नहीं किया गया है। लेकिन विलय के बाद, ग्रामीण बैंक की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
सरकार की योजना
केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के पुनर्गठन की यह प्रक्रिया बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बैंक की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस एकीकरण के बाद, बिहार के ग्रामीण बैंकिंग क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।