Quick Snaps:
- सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ’ होगा: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह घोषणा की।
- अजगैबीनाथ मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध: उपमुख्यमंत्री ने मेले की महत्ता पर जोर दिया।
- कांवरियों की सेवा को मिला सम्मान: 159 संस्थानों और व्यक्तियों को सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
भागलपुर, बिहार: सुल्तानगंज स्टेशन का नाम अब “अजगैबीनाथ” स्टेशन के रूप में जाना जाएगा। यह घोषणा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। उन्होंने यह भी बताया कि सुल्तानगंज नगर परिषद की ओर से यह प्रस्ताव राज्य सरकार को मिला था। अब इसे अंतिम स्वीकृति दिलाने के लिए वे जल्द ही रेल मंत्री से मिलकर इस पर चर्चा करेंगे। इस नाम परिवर्तन की लंबे समय से मांग की जा रही थी, और दैनिक जागरण जैसे समाचार माध्यमों ने इस विषय पर लगातार अभियान चलाया।
नाम परिवर्तन का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
सुल्तानगंज क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां का अजगैबीनाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। हर साल लाखों कांवरिया सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम तक की यात्रा करते हैं। अजगैबीनाथ मेला भी इसी क्षेत्र का एक बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो न केवल राज्य स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का वक्तव्य
सम्राट चौधरी ने सुल्तानगंज के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे न केवल क्षेत्र की धार्मिक पहचान और मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय लोगों की भावनाओं को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा, “यह नाम परिवर्तन क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को और अधिक स्पष्ट करेगा।” इसके साथ ही उन्होंने सुल्तानगंज से देवघर तक की सड़क को फोर लेन बनाने और नए ट्रैक के निर्माण का भी आश्वासन दिया, जिससे कांवरियों और यात्रियों को अधिक सुविधा होगी।
सेवा सम्मान समारोह में उपमुख्यमंत्री का संबोधन
रवींद्र भवन, भागलपुर में आयोजित “सम्राट कांवरिया सेवा सम्मान समारोह” के दौरान उपमुख्यमंत्री ने नाम परिवर्तन की घोषणा की। इस समारोह में 10 राज्यों के 159 संस्थानों और व्यक्तियों को उनकी सेवा के लिए सम्मानित किया गया। सम्राट चौधरी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सेवा करना वास्तव में महादेव की भक्ति का सबसे बड़ा रूप है।
अन्य नेताओं के विचार
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा, “सेवा ही शक्ति है, और यह भक्ति का सबसे मजबूत आधार है। सुल्तानगंज-देवघर मार्ग पर श्रद्धालुओं की सेवा करना एक महान कार्य है।” उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी सरकार ने अब तक सेवा करने वालों को इस प्रकार का सम्मान नहीं दिया था।
अजगैबीनाथ मेले की महत्ता
सम्राट चौधरी ने अजगैबीनाथ मेले की महत्ता पर जोर देते हुए इसे एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है। मेले में आने वाले श्रद्धालु यहां के व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को एक बड़ा आर्थिक अवसर प्रदान करते हैं।
सुल्तानगंज-देवघर मार्ग और सेवा कार्य
सुल्तानगंज से देवघर तक की यात्रा को लेकर कांवरियों की सेवा के लिए विभिन्न संगठनों ने विशेष शिविर लगाए। इन शिविरों में श्रद्धालुओं को भोजन, आवास और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है। इस सेवा कार्य को लेकर बोल बम सेवा शिविर महासंघ के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद और महासंघ के अन्य सदस्यों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
नाम परिवर्तन की प्रक्रिया
सुल्तानगंज नगर परिषद द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के बाद राज्य सरकार ने इसे समर्थन दिया है। अब यह प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा, जहां अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद नाम परिवर्तन आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस घोषणा के बाद स्थानीय लोगों और कांवरियों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने वाला कदम बताया। लोगों का मानना है कि अजगैबीनाथ नामकरण से क्षेत्र का महत्व और बढ़ेगा।
समारोह के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
समारोह का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने अपनी सेवाओं का बखान किया और महादेव की भक्ति में लीन श्रद्धालुओं की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
भविष्य की योजनाएं
सम्राट चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और भी योजनाएं लेकर आएगी। सुल्तानगंज-देवघर मार्ग को फोर लेन बनाने और नए ट्रैक बिछाने की योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
समापन
सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलकर अजगैबीनाथ करने का यह निर्णय क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और सशक्त करेगा। इस बदलाव से क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की इस घोषणा ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि श्रद्धालुओं के बीच भी उत्साह भर दिया है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कब यह नामकरण आधिकारिक रूप से लागू होगा और कब श्रद्धालु अजगैबीनाथ स्टेशन से अपनी धार्मिक यात्रा शुरू करेंगे।