बिहार के पूर्णिया जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। अब राज्य के उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी अपनी स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ आइआइटी (IIT) और मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। इसके लिए “लाइव उन्नयन क्लासेस” की शुरुआत की गई है, जो डिजिटल युग में शिक्षा को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का प्रयास है। शनिवार को पूर्णिया पहुंचे बिहार सरकार के संसदीय कार्य एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने इस परियोजना का निरीक्षण किया और इसे बिहार के लिए एक मॉडल कार्यक्रम बताया।
डिजिटल युग में शिक्षा के क्षेत्र में उन्नयन क्लासेस का महत्व
लाइव उन्नयन क्लासेस, पूर्णिया के बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा का एक अत्याधुनिक रूप है। इसके माध्यम से छात्रों को न केवल सामान्य विषयों की पढ़ाई में मदद मिल रही है, बल्कि यह प्लेटफॉर्म उन्हें उच्च-स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे आइआइटी और मेडिकल की तैयारी में भी सहायता प्रदान कर रहा है। यह विशेष रूप से उन छात्र-छात्राओं के लिए फायदेमंद है जो आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से बाहर जाकर कोचिंग क्लासेस नहीं कर सकते।
जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अब इस डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म का लाभ उठाकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ सकते हैं। इस पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।
उन्नयन कार्यक्रम की शुरुआत और विकास
यह पहल वर्ष 2014 में तब शुरू हुई थी, जब वर्तमान पूर्णिया जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने सरकारी विद्यालयों के बच्चों के लिए लाइव क्लासेस का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम के शुरू होने से ही शिक्षा में एक बड़ा परिवर्तन देखा गया, और इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया गया। धीरे-धीरे यह पहल इतनी सफल हो गई कि राज्य सरकार ने इसे पूरे बिहार में लागू करने का निर्णय लिया।
विजय चौधरी के अनुसार, उन्नयन का यह परिष्कृत रूप पूर्णिया जिले में जिलाधिकारी के अथक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने इसे एक ऐसा कदम बताया जो आर्थिक बाधाओं को पाटते हुए प्रतिभाशाली छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान कर रहा है। यह मॉडल शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक सीमाओं को तोड़ते हुए छात्रों को उनके सपनों की ओर बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन बन रहा है।
पूरे बिहार के लिए एक मॉडल
उन्नयन क्लासेस का परिष्कृत रूप न केवल पूर्णिया बल्कि बिहार के अन्य जिलों में भी एक प्रेरणा बन रहा है। आसपास के जिलों के छात्र-छात्राओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे भी लाभान्वित हो सकें। पूर्णिया के इस मॉडल को देखकर अन्य जिलों के जिलाधिकारियों ने भी अपने जिलों में इसे लागू करने की इच्छा जताई है। सरकार ने इसे एक स्थायी मॉडल के रूप में पूरे राज्य में लागू करने की योजना बनाई है, ताकि हर जिले के सरकारी स्कूलों में इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
शिक्षा के साथ-साथ कृषि में भी नवाचार
जिले में केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि कृषि कार्य में भी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग शुरू हो गया है। जिलाधिकारी कुंदन कुमार की पहल से अब कृषि में ड्रोन तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है। यह पहल राज्य के किसानों को खेती के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर रही है। ड्रोन का उपयोग खेती में निगरानी, छिड़काव और अन्य कार्यों में किया जा रहा है, जिससे कृषि कार्य की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
विजय चौधरी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और उन्हें आधुनिक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न अन्य क्षेत्रों में भी सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है।
पूर्णिया जिले में यह बदलाव सरकार की नई सोच और डिजिटल युग के महत्व को दर्शाता है। इस पहल के तहत स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से शिक्षा में एक बड़ा बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे भविष्य में बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।