बिहार के बेतिया में मस्जिद पर पथराव के बाद डीआईजी जयंत कांत एक्शन में हैं. उन्होंने जिले के थानों को सख्त निर्देश दिए हैं.
बेतिया: बिहार पुलिस के सुपर कॉप के नाम से मशहूर चम्पारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत इन दिनों एक्शन में हैं. क्राइम कंट्रोलर के नाम से चर्चित जयंत कांत ने थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी है. कल देर रात जगदीशपुर थाना अंतर्गत नयका टोला में धार्मिक स्थल पर पथराव के बाद डीआईजी काफी सख्त नजर आ रहें है. डीआईजी जयंत कांत ने बताया कि मस्जिद पर बिना कारण पथराव चिंता का विषय है. बिना वजह के शरारती तत्वों द्वारा पथराव किया गया. जिसमें से दो असामाजिक तत्वों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन सवाल ये उठता है किसके इशारे पर पथराव किया गया और इनकी संख्या क्या थी. साथ ही उनके मंसूबे क्या थे क्या वजह रही है अगर इसके पीछे कोई साजिश होगी तो उन साजिशकर्ताओं को जेल जाना होगा. लॉ एंड आर्डर से पुलिस कोई समझौता नहीं करेगी.
डीआईजी जयंत कांत ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है. जिले के किसी भी धार्मिक स्थल पर पथराव या उस पर हमला पुलिस बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसा करने वालों को नहीं छोड़ा जायेगा. डीआईजी जयंत कांत ने असामाजिक तत्वों को सख्त संदेश दिया है कि ऐसी घटना की अगर पुनरावृत्ति हुई तो दोषियों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आएगी. डीआईजी ने सभी थानाध्यक्ष को निर्देश दिए है कि सभी धार्मिक स्थलों पर पुलिस की नजर बनी रहे. क्षेत्र में असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट तैयार रखें. समाजिक सौहार्द क़ायम रहे इसके लिए थाना को काफ़ी सख्त रहने की जरूरत है. किसी भी स्थिति में किसी को भी कानून से खिलवाड़ करने वालों को नहीं बक्सा जायेगा.
डीआईजी के सख्त फरमान से जिला के सभी थानाध्यक्ष रात्रि गश्ती से लेकर वाहन जांच के अभियान को तेज कर दिए है. पुलिस सोशल मीडिया से लेकर वाट्सएप ग्रुप तक मॉनिटरिंग कर रही है. हालांकि नयका टोला में स्थिति सामान्य हो गई है. गांव में एसडीपीओ टू रजनीशकांत प्रियदर्शी नौतन सीओ ने शांति समिति की बैठक कर दोनों पक्षों के लोगों ने पुलिस के कार्यशैली को सराहा है. डीआईजी जयंत कांत ने बताया है कि समाज में पुलिस की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. सामाजिक सौहार्द बरकरार रहे, क्राइम कंट्रोल रहे, आम आदमी को न्याय मिल सके, यह सब जिम्मेदारी पुलिस के कंधे पर है. इसलिए पुलिस की हनक अपराधियों और असामाजिक तत्वों के बीच रहना जरूरी है. पुलिस की हनक और बुलंद इक़बाल ही स्वस्थ समाज विकसित करता है.