बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दरभंगा के इंडोर स्टेडियम में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री के फूड पैकेट्स का जायजा लेने के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 7,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के निवासियों के बैंक खातों में, दुर्गा पूजा से पहले 9 अक्टूबर तक, ट्रांसफर की जाएगी।
राहत सामग्री का वितरण
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित अधिकारियों को शीघ्रता से राहत सामग्री पहुँचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार किए जा रहे खाद्य पैकेट्स की गुणवत्ता और मात्रा की जांच करने के साथ-साथ, इसे प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पहुँचाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने इस मौके पर उपस्थित जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और राहत कार्य में तेजी लाई जाए।
मंत्री मदन सहनी की भी सक्रियता
बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने भी मुख्यमंत्री के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह जानकारी दी कि यह राशि लगभग 50,000 प्रभावित परिवारों के बीच वितरित की जाएगी। यह निर्णय बाढ़ के कारण जनजीवन पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 9 अक्टूबर तक सभी पीड़ितों के खातों में सहायता राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी, जिससे वे दुर्गा पूजा के मौके पर अपने खर्चों को प्रबंधित कर सकें।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा
इंडोर स्टेडियम में राहत सामग्री का जायजा लेने के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ग्रस्त कीरतपुर कुशेस्वरस्थान प्रखंड का दौरा करने निकले। उनके इस दौरे का उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का निरीक्षण करना और पीड़ितों की वास्तविक स्थिति का पता लगाना था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रभावित लोगों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना।
बाढ़ की स्थिति
बिहार में हाल ही में हुई भारी बारिश ने कई जिलों में बाढ़ का कहर बरपाया है। विशेष रूप से दरभंगा, मुजफ्फरपुर, और समस्तीपुर जैसे क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत गंभीर है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके घरों में पानी भर जाने के कारण वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए हैं। बाढ़ के कारण कृषि, परिवहन और दैनिक जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
राहत कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता
बाढ़ राहत कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राहत सामग्री की उचित मात्रा और गुणवत्ता सुनिश्चित करना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ पीड़ितों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।
विभिन्न योजनाओं का जिक्र
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार हमेशा जरूरतमंदों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहले भी बाढ़ राहत के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, और इस बार भी राहत कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
जनसंवाद और समाधान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ितों के साथ संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुनने का प्रयास किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से कहा कि उनकी सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेगी और उन्हें जल्द से जल्द समाधान प्रदान करने का प्रयास करेगी।