बिहार ने एक बार फिर से सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां तीन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक साथ दरोगा (पुलिस अवर निरीक्षक) के पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 अक्टूबर को गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में एक समारोह के दौरान सूबे के नवनियुक्त 1239 दरोगाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर पहली बार तीन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी दरोगा पद पर नियुक्ति मिली, जो राज्य के लिए गौरव का क्षण है।
तीन ट्रांसजेंडर दरोगाओं की नियुक्ति: सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
इस नियुक्ति कार्यक्रम में शामिल तीन ट्रांसजेंडर दरोगाओं में एक ट्रांसवुमेन और दो ट्रांसमेन शामिल हैं। मानवी मधु कश्यप, जो बिहार की पहली ट्रांसवुमेन हैं, को दरोगा के पद पर नियुक्ति मिली। इसके साथ ही, रोनित झा और बंटी कुमार दो ट्रांसमेन हैं, जिन्हें भी दरोगा के रूप में नियुक्त किया गया। यह पहली बार है जब देश के किसी राज्य में तीन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक साथ पुलिस विभाग में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है।
यह निर्णय राज्य सरकार की समावेशी नीति और सभी वर्गों के लिए समान अवसर प्रदान करने के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने और उन्हें समान अधिकार देने के इस कदम ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक नई शुरुआत की है।
बापू सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम
इस ऐतिहासिक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन 21 अक्टूबर को गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय की ओर से किया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनियुक्त दरोगाओं को संबोधित करते हुए उन्हें कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने और समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार सामाजिक समरसता और सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है, जब तीन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर नियुक्त किया गया है। यह न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह यह भी प्रमाणित करता है कि बिहार समावेशी विकास और प्रगतिशील विचारों को अपनाने में अग्रणी राज्य है।”
उपमुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक भी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, राज्य के पुलिस महानिदेशक आलोक राज, और अन्य वरीय पुलिस अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनियुक्त दरोगाओं को समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “आप सभी को अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करना है और समाज में न्याय, सुरक्षा और समानता के आदर्शों को आगे बढ़ाना है।”
बिहार: सामाजिक न्याय की दिशा में अग्रणी राज्य
बिहार सरकार ने हमेशा सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर जोर दिया है। ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। बिहार में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के प्रयास किए जा रहे हैं, और इस कदम से समाज में उनकी स्थिति को और मजबूती मिलेगी।
राज्य सरकार की ओर से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए इस तरह की ऐतिहासिक पहल से ट्रांसजेंडर समुदाय को नई उम्मीद और हौसला मिला है। यह पहल समाज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ट्रांसजेंडर दरोगाओं का समाज के लिए संदेश
नवनियुक्त ट्रांसजेंडर दरोगाओं ने अपनी नियुक्ति पर खुशी जताई और कहा कि यह उनके लिए एक नया अध्याय है। मानवी मधु कश्यप ने कहा, “यह मेरे और मेरे समुदाय के लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हमें यह अवसर दिया। इससे समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय को नए सिरे से पहचान मिलेगी और हमें समान अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण जीत मिली है।”
रोनित झा और बंटी कुमार ने भी अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि वे इस मौके को अपने समुदाय की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे जैसे लोग भी समाज में कुछ बड़ा कर सकते हैं, यह इस नियुक्ति से साबित हुआ है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करें और समाज को बेहतर बनाने में योगदान दें।”
सामाजिक बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक पहल
बिहार सरकार का यह कदम सामाजिक समावेश और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुलिस विभाग जैसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर नियुक्त करना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह नियुक्ति न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे समावेशी नीतियां समाज में बदलाव ला सकती हैं। यह कदम सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों की दिशा में बिहार सरकार की प्रतिबद्धता का स्पष्ट उदाहरण है।
बिहार का यह ऐतिहासिक कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है, जो सामाजिक समानता और समावेशी विकास की दिशा में अपने प्रयासों को और तेज कर सकते हैं।