बिहार के भागलपुर जिले के 48 वर्षीय प्रकाश मंडल ने लोगों को तब चौंका दिया जब वह रसेल वाइपर नामक विषैले सांप से काटे जाने के बाद उसे अपनी गर्दन में लपेटकर अस्पताल पहुंचे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मीराचक गांव के निवासी प्रकाश मंडल जर्नल ललित नारायण (JLN) अस्पताल में हाथ में सांप पकड़कर पहुंचे, जिससे अस्पताल में मौजूद मरीज और कर्मचारी डर गए। वीडियो में दिखाया गया है कि मंडल एक साधारण बनियान और धोती पहने हुए हैं, और उन्होंने सांप के मुंह को अपने हाथ से कसकर पकड़ रखा है। विष के फैलने से रोकने के लिए उन्होंने अपने हाथ पर कपड़ा बांध रखा था, जिससे रक्त प्रवाह रुक गया था।
वीडियो में अन्य मरीजों को स्पष्ट रूप से भयभीत देखा जा सकता है क्योंकि वे सुरक्षित दूरी बनाए हुए थे। एक अस्पताल कर्मचारी ने सावधानीपूर्वक मंडल को परिसर के दूसरे हिस्से में ले जाया ताकि सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अंततः, चिकित्सा कर्मचारियों के समझाने पर, मंडल ने सांप को छोड़ा और उपचार के लिए लेट गए।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हुई घटना
यह घटना भागलपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हुई, जहां हाल ही में रसेल वाइपर जैसे विषैले सांपों की दृष्टि सामान्य हो गई है। इस महीने की शुरुआत में बिहार के कई हिस्सों में गंभीर बाढ़ आई थी। बाढ़ के बाद, खतरनाक वन्यजीव जैसे सांप और घड़ियाल अक्सर निवासियों द्वारा देखे जा रहे हैं।
गूगल के फ्लड हब – जो वास्तविक समय में बाढ़ के पूर्वानुमान प्रदान करता है – के अनुसार, कोशी नदी के पास की बाढ़ की स्थिति अभी भी चेतावनी स्तर से ऊपर है।
घटनाक्रम का विस्तृत विवरण
प्रकाश मंडल अपने गांव मीराचक में थे जब यह घटना घटी। रसेल वाइपर जैसे खतरनाक सांप का काटना एक गंभीर स्थिति होती है और तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। प्रकाश मंडल ने तत्काल समझदारी दिखाई और सांप को पकड़कर सीधा अस्पताल की ओर रवाना हो गए। उन्होंने अपने हाथ पर कपड़ा बांधकर विष के फैलाव को रोकने का प्रयास किया।
जब वह अस्पताल पहुंचे, तो वहां के कर्मचारियों और अन्य मरीजों ने उन्हें देखकर हैरान और डर महसूस किया। वीडियो में यह स्पष्ट है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने पूरी सावधानी बरतते हुए मंडल को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास किया।
अस्पताल में स्थिति
अस्पताल में आपातकालीन कक्ष में पहुंचे मंडल को देखकर अन्य मरीज डर गए थे। मंडल ने सांप को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था कि किसी को चोट का खतरा नहीं था। अस्पताल के कर्मचारियों ने तुरंत स्थिति को संभालते हुए मंडल को उपचार के लिए प्रेरित किया और सांप को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के लिए कहा।
मंडल ने कर्मचारियों की बात मानी और सांप को छोड़कर उपचार के लिए लेट गए। उनका साहस और समझदारी वास्तव में प्रशंसनीय थी, लेकिन ऐसे खतरनाक जानवर के साथ अस्पताल पहुंचना निश्चित रूप से एक जोखिम भरा कदम था।
बाढ़ के बाद के हालात
बिहार के भागलपुर सहित कई हिस्सों में बाढ़ ने गंभीर संकट उत्पन्न किया है। बाढ़ के कारण क्षेत्र में खतरनाक जानवरों की दृष्टि बढ़ गई है। सांपों और अन्य खतरनाक वन्यजीवों की मौजूदगी ने निवासियों के लिए एक और चुनौती खड़ी कर दी है।
गूगल फ्लड हब के अनुसार, कोशी नदी के पास की बाढ़ की स्थिति अब भी खतरे के स्तर से ऊपर है, जो दर्शाता है कि क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव अभी तक कम नहीं हुआ है।
प्रकाश मंडल का साहस
प्रकाश मंडल ने जो कदम उठाया, वह असाधारण था। विषैले सांप से काटे जाने के बाद भी उन्होंने साहस नहीं खोया और तत्काल अस्पताल पहुंचकर सही कदम उठाया। उनका यह कार्य दर्शाता है कि संकट की घड़ी में भी यदि व्यक्ति धैर्य और समझदारी से काम ले तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है।
सांप की पहचान और खतरा
रसेल वाइपर एक अत्यंत विषैला सांप होता है और इसके काटने से गंभीर चिकित्सा समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस सांप का जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और समय पर इलाज न मिलने पर मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, ऐसे खतरनाक जानवर के काटने के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
प्रकाश मंडल की यह घटना हमें यह सिखाती है कि संकट की स्थिति में भी धैर्य और साहस का होना कितना महत्वपूर्ण है। उनकी समझदारी और तत्परता ने उनकी जान बचाई और अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया। हालांकि, ऐसे खतरनाक जानवर के साथ अस्पताल पहुंचना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन मंडल ने इस स्थिति को समझदारी से संभाला और सुरक्षित रहे। बिहार में बाढ़ के बाद के हालात और वन्यजीवों की दृष्टि ने निवासियों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, जिनसे निपटने के लिए सतर्कता और समझदारी की आवश्यकता है।