बिहार के पूर्णिया जिले में एक बार फिर से चोरी की बड़ी घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ स्थानीय निवासियों को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना मधुबनी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर की है, जहां पोस्टमास्टर राजीव रंजन के बंद घर में चोरों ने लाखों की नकदी और गहनों पर हाथ साफ किया। चोरी की यह घटना शनिवार शाम 6:30 बजे से रात 12 बजे के बीच हुई, जब राजीव रंजन और उनका परिवार घर बंद करके एक पारिवारिक समारोह में गए हुए थे। जब वे रात में लौटे, तो घर का ताला टूटा हुआ पाया और चोरों के द्वारा की गई चोरी का खुलासा हुआ।
चोरी का घटनाक्रम
चोरी की घटना शनिवार शाम को शुरू हुई, जब पोस्टमास्टर राजीव रंजन और उनका परिवार जन्मदिन के एक कार्यक्रम में बनमनखी गए हुए थे। घर खाली होने का फायदा उठाते हुए चोरों ने घर के पीछे के ग्रील गेट का ताला तोड़ा और अंदर दाखिल हो गए। चोरों ने घर के तीन मुख्य कमरों में घुसकर अलमारी में रखे नकदी और गहनों को अपना निशाना बनाया। राजीव रंजन के अनुसार, चोर अलमारी का ताला तोड़कर लगभग 5 लाख रुपये नकद और 12 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने लेकर चले गए। चोरों ने घर के अंदर कीमती साड़ियों, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य सामानों को छोड़ दिया, जिससे यह साफ पता चलता है कि वे केवल नकद और गहनों के लिए आए थे।
चोरी की योजना: सवाल और आश्चर्य
यह घटना इसलिए और भी चौंकाने वाली है, क्योंकि घर का ताला महज साढ़े पांच घंटे के लिए ही बंद था। इस दौरान चोरों को यह कैसे पता चला कि घर खाली है और उन्हें चोरी का मौका मिलेगा? यह सवाल न सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि पुलिस और इलाके के अन्य लोगों के लिए भी एक रहस्य है। राजीव रंजन ने बताया कि उनका घर पूरी तरह सुरक्षित था और उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा था कि चोरी हो सकती है। उन्हें इस बात का भी आश्चर्य है कि कैसे चोरों को यह भनक लगी कि वे एक समारोह में गए हुए हैं और घर खाली है।
संपत्ति और नकदी का रखा गया था इंतजाम
चोरी की घटना में नकदी और गहनों का इतनी बड़ी मात्रा में चोरी होना एक चिंता का विषय है। राजीव रंजन ने बताया कि वे बीकोठी थाना क्षेत्र के मल्डीहा गांव के निवासी हैं और वहां उनके गांव में अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को उनके नए घर का ढलाई का काम होना था। इसके लिए उन्होंने बैंक से 5 लाख रुपये निकाले थे और इस राशि को घर में सुरक्षित रखा था। परिवार का सोचना था कि समारोह के बाद वे अगले दिन गांव के लिए रवाना होंगे और घर के निर्माण में इस राशि का उपयोग करेंगे।
पुलिस की जांच और लोगों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही मधुबनी थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू की। पुलिस ने घर के अंदर और बाहर का मुआयना किया और उस रास्ते को भी देखा, जिससे चोरों ने घर में प्रवेश किया था। पुलिस का मानना है कि चोरों ने पहले से ही घर की स्थिति का जायजा लिया होगा और यह सुनिश्चित किया कि परिवार के लोग कब घर छोड़ने वाले हैं। राजीव रंजन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस अब विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है और चोरों की तलाश में जुट गई है।
तीन महीने में दूसरी बड़ी चोरी
इस क्षेत्र में चोरी की घटनाओं का सिलसिला पहले भी देखने को मिला है। 4 अगस्त को इसी शास्त्रीनगर इलाके में नगर निगम की पूर्व मेयर सविता देवी के घर में भी इसी प्रकार की बड़ी चोरी की घटना सामने आई थी। उस घटना में चोरों ने बंद घर से लगभग 50 लाख रुपये के जेवरात और अन्य कीमती सामान चोरी कर लिए थे। इस घटना के बाद पुलिस पर सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने का दबाव बढ़ा था, लेकिन अब तीन महीने बाद फिर से उसी इलाके में इतनी बड़ी चोरी होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व मेयर के घर हुई चोरी का भी अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ है और चोरों का सुराग पुलिस नहीं लगा सकी है, जिससे इलाके के लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।
सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने इलाके के लोगों के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ महीनों में क्षेत्र में कई चोरी की घटनाएं हुई हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में डर का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते चोरी की घटनाओं का खुलासा नहीं करती और सुरक्षा उपायों को नहीं बढ़ाती, तो वे खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पुलिस को इस क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की जरूरत है और सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए, ताकि अपराधियों पर नजर रखी जा सके।
पुलिस और प्रशासन के सामने चुनौती
इस घटना ने पूर्णिया पुलिस और प्रशासन के सामने एक चुनौती खड़ी कर दी है। पुलिस के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह जल्द से जल्द इस चोरी का खुलासा करे और चोरों को पकड़कर न्याय के कटघरे में खड़ा करे। इसके अलावा, पूर्व मेयर सविता देवी के घर हुई चोरी की घटना का भी खुलासा करने की मांग की जा रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्रकार की चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करना चाहिए और समय-समय पर गश्त बढ़ाने की आवश्यकता है।