Sunday, December 22, 2024
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इंस्पेक्टर निकला शराब माफिया…SP ने आवास पर मरवाया छापा तो पुलिस टीम रह गई दंग

Bihar Crime News: बिहार के मोतिहारी जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) का एक पुलिस इंस्पेक्टर शराब की धंधेबाजी में संलिप्त पाया गया। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात को इसकी जानकारी मिली और उन्होंने छापेमारी करने का निर्णय लिया।

बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो इस कानून के प्रभाव को चुनौती दे रहे हैं। यह घटना यह दर्शाती है कि कानून के रखवाले ही कानून को तोड़ने में संलग्न हैं, जिससे शराबबंदी की सफलता पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।

छापेमारी की कार्रवाई

मोतिहारी में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बापूधाम रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज गुप्ता को उनके आवास से भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया। मंगलवार रात को साइबर एसपी के नेतृत्व में नगर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर गुप्ता के आवास पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 22 बोतल विभिन्न ब्रांड की विदेशी शराब और लगभग 15 लाख रुपये की नकदी बरामद की।

हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस के पहुंचने से पहले ही इंस्पेक्टर गुप्ता मौके से फरार हो गए। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पुलिस ने बरामद शराब और नकदी को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि इंस्पेक्टर गुप्ता के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

शराब की मात्रा और बरामदगी

साइबर एसपी के नेतृत्व में नगर थाना पुलिस ने बापूधाम रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर के आवास पर छापेमारी की। इस दौरान 22 बोतल कई ब्रांड की विदेशी शराब बरामद की गई। पुलिस ने इस छापेमारी में एक दर्जन खाली शराब की बोतल भी बरामद की।

पुलिस की पहुंचने की सूचना मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर फरार हो गया। पुलिस शराब और नगद को जब्त कर अग्रतर कार्रवाई में जुटी है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से शराबबंदी कानून की गंभीरता पर सवाल उठते हैं।

शराबबंदी कानून का प्रभाव

बिहार में शराबबंदी को लागू करने के लिए पुलिस पर काफी जिम्मेदारी है, लेकिन जब पुलिस के ही एक अधिकारी शराब के कारोबार में शामिल होते हैं, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। यह घटना यह दर्शाती है कि शराबबंदी के नियमों का उल्लंघन केवल आम नागरिकों द्वारा नहीं, बल्कि कानून के रखवालों द्वारा भी किया जा रहा है।

इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर असर डालती हैं, बल्कि लोगों के बीच सरकार और पुलिस के प्रति विश्वास को भी कम करती हैं।

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य

मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि इस घटना की जांच जारी है और यदि भविष्य में इस प्रकार की और शिकायतें मिलीं, तो पुलिस सख्त कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी गंभीरता से काम कर रहा है और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल मोतिहारी जिले में बल्कि पूरे बिहार में शराबबंदी के कानून की साख को चुनौती देती है। पुलिस के उच्च अधिकारियों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके और जनता का विश्वास फिर से जीत सकें।

बिहार में शराबबंदी को लागू हुए कई वर्ष हो चुके हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। पुलिस अधिकारियों की इस तरह की गतिविधियां न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि यह समाज में शराबबंदी के प्रभाव को भी कमजोर करती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता है, ताकि बिहार में शराबबंदी का उद्देश्य सही मायने में पूरा हो सके।

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